Sunday, March 22, 2015

सनसेट


देखा था झंझारपुर से आते वक्त
फोर लेन से गुज़रते हुए
हादसों की ज़द में बैठे हुए 
सूरज को कल शाम ... 

राह भूल गया था वह शायद 
क्षितिज से भटक कर आ गया था हाइवे पर 
बिल्कुल सडक के बीचो-बीच
सुस्ताता रहा यूँ ही सडक पर बैठे-बैठे कुछ देर   

गाडियों की तेज़ रफ्तार की चपेट में आ जाता
ऐन वक्त छुप गया पेडों के पीछे
हादसा एक 
होते-होते बचा


19.03.2015 

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