मौत ने जब हल्की दस्तक दी
तो उसने जाना कि ज़िन्दगी क्या है
ऑपरेशन थियेटर में स्ट्रेचर पर लेटे
बडे-बडे संयंत्रों को देखते
जब उसने मास्क लगाए डॉक्टरों को देखा
तो उसे जिन्दगी आती दिखाई दी थी
हाथ पकडकर बिठाती इससे पहले
बेहोशी की सूई ने उसे सुला दिया
पानी चढते बोतलों से बूँद-बूँद टपकती जिन्दगी ने
दबे पाँव आकर मौत को चुनौती दी थी
आँख खुली तो उसने फिर उसे देखा
आई.वी. इंजेक्शन में
डॉक्टरों के राउन्ड में
नर्सों की सेवाओं में
लोगों के मिलने में
और उनकी दुआओं में
सिरहाने रखे ताबीज में
”गेट वेल सून” कार्ड में
और बायोप्सी की रिपोर्ट में....
गुलज़ार ने कितना सही कहा है कि
"जिन्दगी क्या है जानने के लिए
जिन्दा रहना बहुत जरूरी है"
तो उसने जाना कि ज़िन्दगी क्या है
ऑपरेशन थियेटर में स्ट्रेचर पर लेटे
बडे-बडे संयंत्रों को देखते
जब उसने मास्क लगाए डॉक्टरों को देखा
तो उसे जिन्दगी आती दिखाई दी थी
हाथ पकडकर बिठाती इससे पहले
बेहोशी की सूई ने उसे सुला दिया
पानी चढते बोतलों से बूँद-बूँद टपकती जिन्दगी ने
दबे पाँव आकर मौत को चुनौती दी थी
आँख खुली तो उसने फिर उसे देखा
आई.वी. इंजेक्शन में
डॉक्टरों के राउन्ड में
नर्सों की सेवाओं में
लोगों के मिलने में
और उनकी दुआओं में
सिरहाने रखे ताबीज में
”गेट वेल सून” कार्ड में
और बायोप्सी की रिपोर्ट में....
गुलज़ार ने कितना सही कहा है कि
"जिन्दगी क्या है जानने के लिए
जिन्दा रहना बहुत जरूरी है"
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