Thursday, May 10, 2012

अंतर्देशीय पत्र



एक पुराने बक्से की तह में
बिछे अख़बार के नीचे से निकला
एक
अंतर्देशीय पत्र

गुज़रे ज़माने की सोंधी खुशबू लिए
लिखने वाले की साहित्यिक रुचि का द्योतक
व्याकरण की शुद्धियाँ
कविताओं की पँक्तियाँ
शेरो-शायरी से भरा
एक
अंतर्देशीय पत्र

महात्मा गाँधी की तस्वीर वाला डाक टिकट
उस पर लगा गोल काला मुहर
चिट्ठी में एकाध जगह फैली स्याही
पिताजी का माँ के नाम लिखा
वह
अंतर्देशीय पत्र

बुज़ुर्गो के लिए चरण-स्पर्श
छोटों को प्यार
माँ के लिए मनुहार
अम्मा का ख़याल
पिता के सवाल
हाँ
वह अंतर्देशीय पत्र

वक्त के थपेडों में खोया हुआ
मोबाइल के एसएमएस की
शार्ट-कट की भाषा में
इलू, सीयू, टूयू सम्बोधनों में
अपना वजूद खोजता हुआ
बदरंग, मटमैले,
संदूक में बिछे अख़बार के नीचे से
कभी कभार
झाँक लेने वाला 
वह अंतर्देशीय पत्र !!

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