नहीं बनी अब तक कोई ऐसी मशीन
जिसने मापी हो
धरती के किस हिस्से में
किस धर्म की स्त्री का दर्द
या यह बताने में सफलता पाई हो कि
छूना बड़ा अपराध है या मसलना
नंगा करना या नंगे कर सड़कों पर घुमाना
बलात्कार करना या खेतों में ले जाकर मार देना
या ज़िंदा लाश में तब्दील कर छोड़ देना
अपराध के लिए बंद कमरे हों या खुला मैदान
बाहुबली का शिकंजा हो
या हों लोग तमाम
मणिपुर हो या राजस्थान
छत्तीसगढ़ हो या पूरा हिंदुस्तान
तुलना बेमानी है
हे सत्ताधीश
जरूरी है सुनी जाए
बेटियों की चीख
दर्द दर्द होता है
प्यार की तरह इसे भी सिर्फ
महसूस किया जा सकता
व्याख्यायित नहीं
हे पालनहार
कभी सुनो तो उनकी पुकार
दर्द संज्ञा है
और संज्ञा चेतना है
चेतनाशील प्राणी ही इसे समझ सकता
कितनी विडंबना है कि
संज्ञा होते हुए भी
दर्द ही करता इंसान को संज्ञाशून्य
बदल देता उन्हें चलती फिरती लाशों में
आधी आबादी की ज़िंदा लाशों की तादाद से देश नहीं बनता
इसीलिए हर स्त्री का भोगा हुआ दर्द
बड़ा है
देश से
धर्म से
राजनीति से
तुलना करनी ही हो
तो जान लो तन के दर्द से गहरा होता है मन का दर्द
जिसे भोगती हैं स्त्रियां कई जन्मों तक
इसीलिए करती हैं प्रार्थनाएं
अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो
#मणिपुर #स्त्री #बिटिया #yqdidi #yqhindi
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