दिसम्बर के महीने में
बच्चों से बातें करने का एक
विषय मिल जाता है
ठंढ बढ़ रही है
अपना ख़याल रखना
अलग अलग शहरों का तापमान हर
रोज़ गिर रहा है
दिल्ली शीतलहर की चपेट में
लिहाफ में रहना
वरना पिछले कुछ महीने तक
‘कैसे हो’,
‘क्या हाल है’,
‘खाना खाया’
कह कर
और ‘अच्छा हूँ’,
‘काम कर रहा हूँ’,
‘भूख लगेगी तो खा ही लूँगा’
सुन कर ही
फोन रखना पड़ता था...!!
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