Friday, June 15, 2012

पाँच सितारा अस्पताल



वह अस्पताल अस्पताल नहीं
एक पाँच सितारा होटल था

जगमगाती लाइटें, चमचमाती फर्श
हर कदम पर सिक्यूरिटी और मुस्कुराती नर्स
एक मरीज पर एक अटेंडेंट से ज्यादा नहीं
मरीज के बारे में चिंता करने से कोई फायदा नहीँ
मरीज को करिए डॉक्टरों के हवाले
फिर कमरे में बैठ टी.वी. का मज़ा लें

एक दिन मेरी पत्नी यहाँ भर्ती थी
कई बीमारियाँ सुन हिल गई मेरी धरती थी
डॉक्टरों ने कहा, सर्जरी का केस है
जो भी हो, करना मुझे फेस है
कर दिया भर्ती उन्हें जान इतनी सस्ती न थी
फिर तीन दिनों तक एक कमरे में मेरी मस्ती रही
मिलने वाले भी यदा-कदा आते रहे
खाने की चीजें भी सिक्यूरिटी से छुपा लाते रहे
रूम सर्विस से भी मैं चीजें मँगाता रहा
जी भर कर चिकन तन्दूर भी खाता रहा
पत्नी को स्वस्थ कर उन्होंने घर जाने दिया
पर जाने के पहले मेरे हाथ में एक पुर्जा दिया
तीन दिनों का यह तीन लाख का बिल था
बिल देख कर हिल गया मेरा दिल था
कार्यालय ने कुछ भरपाई की वरना मैं कहाँ इस काबिल था
बाकी चुपचाप मैं सह गया यह मेरा ही दिल था



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